Khawab Poetry of Imam Bakhsh Nasikh
नाम | इमाम बख़्श नासिख़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Imam Bakhsh Nasikh |
जन्म की तारीख | 1772 |
मौत की तिथि | 1838 |
जन्म स्थान | Lucknow |
ख़्वाब ही में नज़र आ जाए शब-ए-हिज्र कहीं
सब हमारे लिए ज़ंजीर लिए फिरते हैं
रिफ़अत कभी किसी की गवारा यहाँ नहीं
मिरा सीना है मशरिक़ आफ़्ताब-ए-दाग़-ए-हिज्राँ का
है मोहब्बत सब को उस के अबरू-ए-ख़मदार की
है दिल-ए-सोज़ाँ में तूर उस की तजल्ली-गाह का
चैन दुनिया में ज़मीं से ता-फ़लक दम भर नहीं
आ गया जब से नज़र वो शोख़ हरजाई मुझे