Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f84cffc9bde2a7d4e01b8bf8358411ff, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
यार परिंदे! - इलियास बाबर आवान कविता - Darsaal

यार परिंदे!

यार परिंदे! यहीं कहीं था नीम के पेड़ का दयार

मिट्टी की कच्ची दीवारें चाँदी जैसे यार

यस्सू पुंजू हार कबूतर, कंचे वनचे, ताश

जीतने वाले नालाँ, हारने वाले थे ख़ुश-बाश

उल्टे तवे की रोटी साथ में खट्टा मीठा साग

मक्खन की डलियों में जैसे माँ के प्यार का राग

दो कमरों के घर में इतने घने घनेरे लोग

नीम की छाँव बाँटने आते गाँव भर के लोग

घर का दरवाज़ा था साँझा जैसे घर की माँ

सहन में इतनी वुसअ'त होती जैसे एक जहाँ

यार परिंदे! गाँव वही है वैसा नीम का पेड़

दीवारों पर काँच जड़े हैं दरवाज़ों पर क़ुफ़्ल

शाम ढले ही चौपालें हो जाती हैं सुनसान

चंगीरों की बासी रोटी और डब्बे का दूध

हवा हुईं मक्खन की डलियाँ हवा हुआ वो प्यार

यार परिंदे! नीम के पेड़ की बातों में मत आ

पास के जंगल में ज़ाग़ों के डेरे पर सौ जा

(974) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Yar Parinde! In Hindi By Famous Poet Iliyas Babar Aawan. Yar Parinde! is written by Iliyas Babar Aawan. Complete Poem Yar Parinde! in Hindi by Iliyas Babar Aawan. Download free Yar Parinde! Poem for Youth in PDF. Yar Parinde! is a Poem on Inspiration for young students. Share Yar Parinde! with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.