Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_899c5605a463ea29861925e5248177ca, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हमारा आइना बे-कार हो गया तो फिर! - इलियास बाबर आवान कविता - Darsaal

हमारा आइना बे-कार हो गया तो फिर!

हमारा आइना बे-कार हो गया तो फिर!

तुम्हारा हुस्न तरहदार हो गया तो फिर!

मिला के ख़ाक में वो सोचता रहा बरसों

मैं आइने में नुमूदार हो गया तो फिर!

रुकावटें तो सफ़र का जवाज़ होती हैं

ये रास्ता कहीं हमवार हो गया तो फिर!

वो माहताब है, मैं झील और सफ़र दरपेश

वो मुझ से होता हुआ पार हो गया तो फिर!

तमाम शहर ने लौटा दिया है ख़ाली हाथ

और उस के दर से भी इंकार हो गया तो फिर!

तो क्यूँ न रास्ता तब्दील कर लिया जाए

कहीं जो मुझ से तुम्हें प्यार हो गया तो फिर!

(1001) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Hamara Aaina Be-kar Ho Gaya To Phir! In Hindi By Famous Poet Iliyas Babar Aawan. Hamara Aaina Be-kar Ho Gaya To Phir! is written by Iliyas Babar Aawan. Complete Poem Hamara Aaina Be-kar Ho Gaya To Phir! in Hindi by Iliyas Babar Aawan. Download free Hamara Aaina Be-kar Ho Gaya To Phir! Poem for Youth in PDF. Hamara Aaina Be-kar Ho Gaya To Phir! is a Poem on Inspiration for young students. Share Hamara Aaina Be-kar Ho Gaya To Phir! with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.