Ghazals of Iliyas Babar Aawan
नाम | इलियास बाबर आवान |
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अंग्रेज़ी नाम | Iliyas Babar Aawan |
जन्म की तारीख | 1976 |
ये जो तरतीब से बना हुआ मैं
टूटी मेज़ और जली किताबें रह जाएँगी
थोड़ी चाँदी थोड़ा गारा लगता है
सिर्फ़ आज़ार उठाने से कहाँ बनता है
रख़्त-ए-गुरेज़ गाम से आगे की बात है
फूल किताबें ले जा, तन्हा रहने दे
न-जाने कौन तिरे काख़-ओ-कू में आएगा
मेरा और फूलों का रिश्ता टूट गया
कफ़ील-ए-साअ'त-ए-सय्यार रक्खा होता है
इश्क़ करता हूँ, तक़ाज़ा नहीं कर सकता मैं
हमारा आइना बे-कार हो गया तो फिर!
घर को जाने का रास्ता नहीं था
ग़मों की भीड़ में रस्ता बना के चलता हूँ
दो उम्रों की रुई धुन कर आया हूँ
चेहरे पर ख़ुश-हाली ले कर आता हूँ
बाग़ इक दिन का है सो रात नहीं आने की
अपना अपना दुख बतलाना होता है