ये कमाल भी तो कम नहीं तिरा
ये कमाल भी तो कम नहीं तिरा
हर किसी ने कर लिया यक़ीं तिरा
इंतिज़ार कर रहे हैं देर से
इस उदास शहर के मकीं तिरा
इन दिनों पड़ाव किस जगह पे है
आज कल है कौन हम-नशीं तिरा
हर ज़बान पर सवाल है यही
एक मैं ही पूछता नहीं तिरा
ये नई उड़ान इस ज़मीन से
राब्ता न तोड़ दे कहीं तिरा
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