Heart Broken Poetry of Ikram Mujeeb
नाम | इकराम मुजीब |
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अंग्रेज़ी नाम | Ikram Mujeeb |
इस हसीन मंज़र से दुख कई उभरने हैं
हिज्र की मसाफ़त में साथ तू रहा हर दम
ज़हर में बुझे सारे तीर हैं कमानों पर
मौत सी ख़मोशी जब उन लबों पे तारी की
और ही कहीं ठहरे और ही कहीं पहुँचे
ऐ ख़ुदा भरम रखना बरक़रार इस घर का