तक़दीर-ए-वफ़ा का फूट जाना
मैं भूला न दिल का टूट जाना
Rahat Indori
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Jaun Eliya
Gulzar
Mohsin Naqvi
Parveen Shakir
Habib Jalib
Wasi Shah
Allama Iqbal
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(829) Peoples Rate This
'राग़िब' वो मेरी फ़िक्र में ख़ुद को भी भूल जाएँ
इक बड़ी जंग लड़ रहा हूँ
तुम ने रस्मन मुझे सलाम किया
इक बड़ी जंग लड़ रहा हूँ मैं
ले जाए जहाँ चाहे हवा हम को उड़ा कर
हो चराग़-ए-इल्म रौशन ठीक से
किस किस को बताऊँ कि मैं बुज़दिल नहीं 'राग़िब'
अच्छे दिनों की आस लगा कर मैं ने ख़ुद को रोका है
क्या बताऊँ कि कितनी शिद्दत से
एक मौसम की कसक है दिल में दफ़्न
मुज़्तरिब आप के बिना है जी
वो कहते हैं कि आँखों में मिरी तस्वीर किस की है