वो कहते हैं कि आँखों में मिरी तस्वीर किस की है

वो कहते हैं कि आँखों में मिरी तस्वीर किस की है

मैं कहता हूँ कि रौशन इस क़दर तक़दीर किस की है

वो कहते हैं कि किस ने आप को रोका है जाने से

मैं कहता हूँ कि मेरे पाँव में ज़ंजीर किस की है

वो कहते हैं कि है इंसान तो इक ख़ाक का पुतला

मैं कहता हूँ कि इतनी अज़्मत-ओ-तौक़ीर किस की है

वो कहते हैं कि दिल में आप ने किस को बसाया है

मैं कहता हूँ कि ये दुनिया-ए-दिल जागीर किस की है

वो कहते हैं कि किस ने जा-ब-जा लिख्खा है मेरा नाम

मैं कहता हूँ शिकस्ता इस क़दर तहरीर किस की है

वो कहते हैं कि मैं ने आप सा सामे नहीं देखा

मैं कहता हूँ कि इतनी पुर-कशिश तक़रीर किस की है

वो कहते हैं तिरे शेरों में है शोख़ी क़यामत की

मैं कहता हूँ ख़याल ओ फ़िक्र में तनवीर किस की है

वो कहते हैं कि हम हैं दुश्मनान-ए-अम्न के दुश्मन

मैं कहता हूँ कि उन के हाथ में शमशीर किस की है

वो कहते हैं कि 'राग़िब' तुम नहीं रखते ख़याल अपना

मैं कहता हूँ कि हर दम फ़िक्र दामन-गीर किस की है

(814) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wo Kahte Hain Ki Aankhon Mein Meri Taswir Kis Ki Hai In Hindi By Famous Poet Iftikhar Raghib. Wo Kahte Hain Ki Aankhon Mein Meri Taswir Kis Ki Hai is written by Iftikhar Raghib. Complete Poem Wo Kahte Hain Ki Aankhon Mein Meri Taswir Kis Ki Hai in Hindi by Iftikhar Raghib. Download free Wo Kahte Hain Ki Aankhon Mein Meri Taswir Kis Ki Hai Poem for Youth in PDF. Wo Kahte Hain Ki Aankhon Mein Meri Taswir Kis Ki Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Wo Kahte Hain Ki Aankhon Mein Meri Taswir Kis Ki Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.