Love Poetry of Iftikhar Arif (page 1)
नाम | इफ़्तिख़ार आरिफ़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Iftikhar Arif |
जन्म की तारीख | 1940 |
जन्म स्थान | Islamabad |
ज़िंदगी भर की कमाई यही मिसरे दो-चार
मिट्टी की मोहब्बत में हम आशुफ़्ता-सरों ने
मिरा ख़ुश-ख़िराम बला का तेज़-ख़िराम था
मैं ज़िंदगी की दुआ माँगने लगा हूँ बहुत
मैं जिस को एक उम्र सँभाले फिरा किया
मैं चुप रहा कि वज़ाहत से बात बढ़ जाती
मैं अपने ख़्वाब से कट कर जियूँ तो मेरा ख़ुदा
मआल-ए-इज़्ज़त-ए-सादात-ए-इश्क़ देख के हम
कोई जुनूँ कोई सौदा न सर में रक्खा जाए
खुला फ़रेब-ए-मोहब्बत दिखाई देता है
खज़ाना-ए-ज़र-ओ-गौहर पे ख़ाक डाल के रख
हम अपने रफ़्तगाँ को याद रखना चाहते हैं
बहुत मुश्किल ज़मानों में भी हम अहल-ए-मोहब्बत
अजब तरह का है मौसम कि ख़ाक उड़ती है
यक़ीन से यादों के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता
शहर-आशोब
सौग़ात
सहरा में एक शाम
रौशन दिल वालों के नाम
पुराने दुश्मन
मुकालिमा
मोहब्बत की एक नज़्म
हवाएँ अन-पढ़ हैं
एक उदास शाम के नाम
एक शायर एक नज़्म
एक ख़्वाब की दूरी पर
एक कहानी बहुत पुरानी
दुआ
बारहवाँ खिलाड़ी
बन-बास