Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_fe33d923ef52fa17a1ba7a8a3c203868, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तजाहुल-ए-आरिफ़ाना - इफ़्तिख़ार आरिफ़ कविता - Darsaal

तजाहुल-ए-आरिफ़ाना

जौहरी को क्या मालूम किस तरह की मिट्टी में कैसे फूल होते हैं

किस तरह के फूलों में

कैसी बास होती है

जौहरी को क्या मालूम

जौहरी तो सारी उम्र पत्थरों में रहता है

ज़र-गरों में रहता है

जौहरी को क्या मालूम

ये तो बस वही जाने

जिस ने अपनी मिट्टी से

अपना एक इक पैमाँ

उस्तुवार रक्खा हो

जिस ने हर्फ़-ए-पैमाँ का ए'तिबार रक्खा हो

जौहरी को क्या मालूम किस तरह की मिट्टी में कैसे फूल होते हैं

किस तरह के फूलों में कैसी बास होती है

(1669) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tajahul-arifana In Hindi By Famous Poet Iftikhar Arif. Tajahul-arifana is written by Iftikhar Arif. Complete Poem Tajahul-arifana in Hindi by Iftikhar Arif. Download free Tajahul-arifana Poem for Youth in PDF. Tajahul-arifana is a Poem on Inspiration for young students. Share Tajahul-arifana with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.