Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f7bd20ddf5d4c655f1fc10ca982c5fe4, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ग़ैरों से दाद-ए-जौर-ओ-जफ़ा ली गई तो क्या - इफ़्तिख़ार आरिफ़ कविता - Darsaal

ग़ैरों से दाद-ए-जौर-ओ-जफ़ा ली गई तो क्या

ग़ैरों से दाद-ए-जौर-ओ-जफ़ा ली गई तो क्या

घर को जला के ख़ाक उड़ा दी गई तो क्या

गारत-गरी-ए-शहर में शामिल है कौन कौन

ये बात अहल-ए-शहर पे खुल भी गई तो क्या

इक ख़्वाब ही तो था जो फ़रामोश हो गया

इक याद ही तो थी जो भुला दी गई तो क्या

मीसाक़-ए-ऐतबार में थी इक वफ़ा की शर्त

इक शर्त ही तो थी जो उठा दी गई तो क्या

क़ानून-ए-बाग़-बानी-ए-सहरा की सरनविश्त

लिक्खी गई तो क्या जो न लिक्खी गई तो क्या

इस क़हत-ओ-इंहदाम-ए-रिवायत के अहद में

तालीफ़ नुस्ख़ा-हा-ए-वफ़ा की गई तो क्या

जब 'मीर' ओ 'मीरज़ा' के सुख़न राएगाँ गए

इक बे-हुनर की बात न समझी गई तो क्या

(1126) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ghairon Se Dad-e-jaur-o-jafa Li Gai To Kya In Hindi By Famous Poet Iftikhar Arif. Ghairon Se Dad-e-jaur-o-jafa Li Gai To Kya is written by Iftikhar Arif. Complete Poem Ghairon Se Dad-e-jaur-o-jafa Li Gai To Kya in Hindi by Iftikhar Arif. Download free Ghairon Se Dad-e-jaur-o-jafa Li Gai To Kya Poem for Youth in PDF. Ghairon Se Dad-e-jaur-o-jafa Li Gai To Kya is a Poem on Inspiration for young students. Share Ghairon Se Dad-e-jaur-o-jafa Li Gai To Kya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.