Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_2bc1e4d54ce24623d09940550febbb9d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
बला नई कोई पालूँ अगर इजाज़त हो - इफ़्फ़त अब्बास कविता - Darsaal

बला नई कोई पालूँ अगर इजाज़त हो

बला नई कोई पालूँ अगर इजाज़त हो

जुनूँ को शौक़ बना लूँ अगर इजाज़त हो

निगार-खाना-हस्ती के आइनों में ज़रा

मैं अपना अक्स सजा लूँ अगर इजाज़त हो

शराब-ए-हुस्न में मस्ती है बे-नियाज़ी की

ख़ुदी के शीशे में ढालूँ अगर इजाज़त हो

हमारी तुम से मुलाक़ात हो भी सकती है

मैं कोई राह निकालूँ अगर इजाज़त हो

बहुत दिनों से हैं उर्यां-बदन ख़याल मिरे

रिदा-ए-हर्फ़ उढ़ा लूँ अगर इजाज़त हो

वो तिश्नगी जिसे तुम सलसबील कहते हो

लबों पे मैं भी उठा लूँ अगर इजाज़त हो

नज़र ज़ुहूर के जिन तजरबों से गुज़री है

कभी किसी को बता लूँ अगर इजाज़त हो

किसी से दिल ही नहीं मिल सका 'शहाब' तो अब

नज़र तुम्ही से मिला लूँ अगर इजाज़त हो

(1204) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Bala Nai Koi Palun Agar Ijazat Ho In Hindi By Famous Poet Iffat Abbas. Bala Nai Koi Palun Agar Ijazat Ho is written by Iffat Abbas. Complete Poem Bala Nai Koi Palun Agar Ijazat Ho in Hindi by Iffat Abbas. Download free Bala Nai Koi Palun Agar Ijazat Ho Poem for Youth in PDF. Bala Nai Koi Palun Agar Ijazat Ho is a Poem on Inspiration for young students. Share Bala Nai Koi Palun Agar Ijazat Ho with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.