मैं कुछ दिनों में उसे छोड़ जाने वाला था
मैं कुछ दिनों में उसे छोड़ जाने वाला था
जहाज़ ग़र्क़ हुआ जो ख़ज़ाने वाला था
गुलों से बू-ए-शिकस्त उठ रही है नग़्मागरो
यहीं कहीं कोई कूज़े बनाने वाला था
अजीब हाल था इस दश्त का मैं आया तो
न ख़ाक थी न कोई ख़ाक उड़ाने वाला था
तमाम दोस्त अलाव के गिर्द जम्अ थे और
हर एक अपनी कहानी सुनाने वाला था
कहानी जिस में ये दुनिया नई थी अच्छी थी
और इस पे वक़्त बुरा वक़्त आने वाला था
बस एक ख़्वाब की दूरी पे था वो शहर जहाँ
मैं अपने नाम का सिक्का चलाने वाला था
शजर के साथ मुझे भी हिला गया 'बाबर'
वो सानेहा जो उसे पेश आने वाला था
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