इदरीस बाबर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इदरीस बाबर
नाम | इदरीस बाबर |
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अंग्रेज़ी नाम | Idris Babar |
जन्म की तारीख | 1973 |
जन्म स्थान | Pakistan |
ये किरन कहीं मिरे दिल में आग लगा न दे
यहाँ से चारों तरफ़ रास्ते निकलते हैं
वो मुझे देख कर ख़मोश रहा
वो बहुत दूर है मगर मिरे पास
वही न हो कि ये सब लोग साँस लेने लगें
वही ख़्वाब है वही बाग़ है वही वक़्त है
टूट सकता है छलक सकता है छिन सकता है
तू भी हो मैं भी हूँ इक जगह पे और वक़्त भी हो
तमाम दोस्त अलाव के गिर्द जम्अ थे और
फूल है जो किताब में अस्ल है कि ख़्वाब है
पर नहीं होते ख़यालों के तो फिर
मिरे सवाल वही टूट-फूट की ज़द में
मौत उकता चुकी रीहरसल में
मौत की पहली अलामत साहिब
मर गया ख़ास तौर पर मैं भी
मैं जिन्हें याद हूँ अब तक यही कहते होंगे
मैं जानता हूँ ये मुमकिन नहीं मगर ऐ दोस्त
कोई भी दिल में ज़रा जम के ख़ाक उड़ाता तो
किधर गया वो कूज़ा-गर ख़बर नहीं
ख़ुद-कुशी भी नहीं मिरे बस में
कहानियों ने मिरी आदतें बिगाड़ी थीं
काम की बात पूछते क्या हो
इस क़दर मत उदास हो जैसे
इस अँधेरे में जब कोई भी न था
हाथ दुनिया का भी है दिल की ख़राबी में बहुत
हाँ ऐ गुबार-ए-आश्ना मैं भी था हम-सफ़र तिरा
इक ख़ौफ़-ज़दा सा शख़्स घर तक
इक दिया दिल की रौशनी का सफ़ीर
दिल की इक एक ख़राबी का सबब जानते हैं
धूल उड़ती है तो याद आता है कुछ