Ghazals of Ibn-e-Safi
नाम | इब्न-ए-सफ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ibn-e-Safi |
जन्म की तारीख | 1928 |
मौत की तिथि | 1980 |
जन्म स्थान | Karachi |
ज़ेहन से दिल का बार उतरा है
यूँही वाबस्तगी नहीं होती
राह-ए-तलब में कौन किसी का अपने भी बेगाने हैं
लब-ओ-रुख़्सार ओ जबीं से मिलिए
कुछ तो तअल्लुक़ कुछ तो लगाओ
कुछ भी तो अपने पास नहीं जुज़-मता-ए-दिल
छलकती आए कि अपनी तलब से भी कम आए
बड़े ग़ज़ब का है यारो बड़े अज़ाब का ज़ख़्म
आज की रात कटेगी क्यूँ कर साज़ न जाम न तो मेहमान