Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_74ffde0df5f58c4c0649d3fc456ff94e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ये बच्चा किस का बच्चा है - इब्न-ए-इंशा कविता - Darsaal

ये बच्चा किस का बच्चा है

1

ये बच्चा कैसा बच्चा है

ये बच्चा काला काला सा

ये काला सा मटियाला सा

ये बच्चा भूका भूका सा

ये बच्चा सूखा सूखा सा

ये बच्चा किस का बच्चा है

ये बच्चा कैसा बच्चा है

जो रेत पे तन्हा बैठा है

ना इस के पेट में रोटी है

ना इस के तन पर कपड़ा है

ना इस के सर पर टोपी है

ना इस के पैर में जूता है

ना इस के पास खिलौनों में

कोई भालू है, कोई घोड़ा है

ना इस का जी बहलाने को

कोई लोरी है, कोई झूला है

ना इस की जेब में धेला है

ना इस के हाथ में पैसा है

ना इस के अम्मी अब्बू हैं

ना इस की आपा ख़ाला है

ये सारे जग में तन्हा है

ये बच्चा कैसा बच्चा है

2

ये सहरा कैसा सहरा है

ना इस सहरा में बादल है

ना इस सहरा में बरखा है

ना इस सहरा में बाली है

ना इस सहरा में ख़ोशा है

ना इस सहरा में सब्ज़ा है

ना इस सहरा में साया है

ये सहरा भूक का सहरा है

ये सहरा मौत का सहरा है

3

ये बच्चा कैसे बैठा है

ये बच्चा कब से बैठा है

ये बच्चा क्या कुछ पूछता है

ये बच्चा क्या कुछ कहता है

ये दुनिया कैसी दुनिया है

ये दुनिया किस की दुनिया है

4

इस दुनिया के कुछ टुकड़ों में

कहीं फूल खिले कहीं सब्ज़ा है

कहीं बादल घिर घिर आते हैं

कहीं चश्मा है कहीं दरिया है

कहीं ऊँचे महल अटारीयाँ हैं

कहीं महफ़िल है कहीं मेला है

कहीं कपड़ों के बाज़ार सजे

ये रेशम है ये दीबा है

कहीं ग़ल्ले के अम्बार लगे

सब गेहूँ धान मुहय्या है

कहीं दौलत के संदूक़ भरे

हाँ ताँबा सोना रूपा है

तुम जो माँगो सो हाज़िर है

तुम जो चाहो सो मिलता है

इस भूक के दुख की दुनिया में

ये कैसा सुख का सपना है

वो किस धरती के टुकड़े हैं

ये किस दुनिया का हिस्सा है

5

हम जिस आदम के बेटे हैं

ये उस आदम का बेटा है

ये आदम एक ही आदम है

ये गोरा है या काला है

ये धरती एक ही धरती है

ये दुनिया एक ही दुनिया है

सब इक दाता के बंदे हैं

सब बंदों का इक दाता है

कुछ पूरब पच्छम फ़र्क़ नहीं

इस धरती पर हक़ सब का है

6

ये तन्हा बच्चा बे-चारा

ये बच्चा जो यहाँ बैठा है

इस बच्चे की कहीं भूक मिटे

(क्या मुश्किल है हो सकता है)

इस बच्चे को कहीं दूध मिले

(हाँ दूध यहाँ बहतेरा है)

इस बच्चे का कोई तन ढाँके

(क्या कपड़ों का यहाँ तोड़ा है)

इस बच्चे को कोई गोद में ले

(इंसान जो अब तक ज़िंदा है)

फिर देखे कैसा बच्चा है

ये कितना प्यारा बच्चा है

7

इस जग में सब कुछ रब का है

जो रब का है वो सब का है

सब अपने हैं कोई ग़ैर नहीं

हर चीज़ में सब का साझा है

जो बढ़ता है जो उगता है

वो दाना है या मेवा है

जो कपड़ा है जो कम्बल है

जो चाँदी है जो सोना है

वो सारा है इस बच्चे का

जो तेरा है जो मेरा है

ये बच्चा किस का बच्चा है

ये बच्चा सब का बच्चा है!

(2055) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ye Bachcha Kis Ka Bachcha Hai In Hindi By Famous Poet Ibn E Insha. Ye Bachcha Kis Ka Bachcha Hai is written by Ibn E Insha. Complete Poem Ye Bachcha Kis Ka Bachcha Hai in Hindi by Ibn E Insha. Download free Ye Bachcha Kis Ka Bachcha Hai Poem for Youth in PDF. Ye Bachcha Kis Ka Bachcha Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Ye Bachcha Kis Ka Bachcha Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.