तूफ़ाँ कोई नज़र में न दरिया उबाल पर

तूफ़ाँ कोई नज़र में न दरिया उबाल पर

वो कौन थे जो बह गए पर्बत की ढाल पर

करने चली थी अक़्ल जुनूँ से मुबाहिसे

पत्थर के बुत में ढल गई पहले सवाल पर

मेरा ख़याल है कि उसे भी नहीं सबात

जाँ दे रहा है सारा जहाँ जिस जमाल पर

ले चल कहीं भी आरज़ू लेकिन ज़बान दे

हरगिज़ न ख़ून रोएगी अपने मआल पर

ऐसे मकान से तो यहाँ बे-मकाँ भले

है इंहिसार जिस का महज़ एहतिमाल पर

'माजिद' ख़ुदा के वास्ते कुछ देर के लिए

रो लेने दे अकेला मुझे अपने हाल पर

(855) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tufan Koi Nazar Mein Na Dariya Ubaal Par In Hindi By Famous Poet Hussain Majid. Tufan Koi Nazar Mein Na Dariya Ubaal Par is written by Hussain Majid. Complete Poem Tufan Koi Nazar Mein Na Dariya Ubaal Par in Hindi by Hussain Majid. Download free Tufan Koi Nazar Mein Na Dariya Ubaal Par Poem for Youth in PDF. Tufan Koi Nazar Mein Na Dariya Ubaal Par is a Poem on Inspiration for young students. Share Tufan Koi Nazar Mein Na Dariya Ubaal Par with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.