साँस भर हवा
मैं एक ही साँस में
बहुत सी ज़िंदगियाँ जी लेता हूँ
खिलती कली से गुज़रता झोंका
फ़तह-मंद खिलाड़ी का उड़ता पसीना
वस्ल की लज़्ज़त से मग़्लूब
औरत की कराह
सर-ए-शाम दिया बुझाते
नौजवान शाएर की फूँक
बारिश में गिरती
कच्ची छत का बोझल ग़ुबार
मरने वाले के सीने से निकली
आख़िरी आह
मैं एक ही साँस में
बहुत सी मौतें मर जाता हूँ
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