Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_baaddca58695eab3a6031891feb7b5c3, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
फ़रोग़-ए-दीदा-वरी का ज़माना आया है - हुरमतुल इकराम कविता - Darsaal

फ़रोग़-ए-दीदा-वरी का ज़माना आया है

फ़रोग़-ए-दीदा-वरी का ज़माना आया है

दिलों की बे-ख़बरी का ज़माना आया है

ख़िरद से कह दो कि तन्हा न कट सकेगी ये राह

जुनूँ की हम-सफ़री का ज़माना आया है

पहनाओ लाला-ओ-नस्रीं को ताज काँटों का

तिलिस्म-ए-ख़ुश-नज़री का ज़माना आया है

नवेद दी है ये महरूमी-ए-मोहब्बत ने

दुआ की बे-असरी का ज़माना आया है

निखार आने लगा फिर ख़राबा-ए-जाँ पर

ये किस की जल्वागरी का ज़माना आया है

कहो सबा से ये वारफ़्ता-हालियाँ छोड़े

शुऊ'र-ए-नामा-बरी का ज़माना आया है

कहाँ वो दौर कि यक-गूना बे-ख़ुदी माँगें

सुरूर-ख़ुद-निगरी का ज़माना आया है

बहार लाई है अब के पयाम और ही कुछ

दिलों की बख़िया-गिरी का ज़माना आया है

सुकूत-ए-नीम-शबी से गुज़र चलो 'हुर्मत'

कि नाला-ए-सहरी का ज़माना आया है

(1094) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Farogh-e-dida-wari Ka Zamana Aaya Hai In Hindi By Famous Poet Hurmatul Ikaram. Farogh-e-dida-wari Ka Zamana Aaya Hai is written by Hurmatul Ikaram. Complete Poem Farogh-e-dida-wari Ka Zamana Aaya Hai in Hindi by Hurmatul Ikaram. Download free Farogh-e-dida-wari Ka Zamana Aaya Hai Poem for Youth in PDF. Farogh-e-dida-wari Ka Zamana Aaya Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Farogh-e-dida-wari Ka Zamana Aaya Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.