किसी भी राएगानी से बड़ा है

किसी भी राएगानी से बड़ा है

ये दुख तो ज़िंदगानी से बड़ा है

न हम से इश्क़ का मफ़्हूम पूछो

ये लफ़्ज़ अपने मआनी से बड़ा है

हमारी आँख का ये एक आँसू

तुम्हारी राजधानी से बड़ा है

गुज़र जाएगी सारी रात इस में

मिरा क़िस्सा कहानी से बड़ा है

तिरा ख़ामोश सा इज़हार 'राहत'

किसी की लन-तरानी से बड़ा है

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Kisi Bhi Raegani Se BaDa Hai In Hindi By Famous Poet Humaira Rahat. Kisi Bhi Raegani Se BaDa Hai is written by Humaira Rahat. Complete Poem Kisi Bhi Raegani Se BaDa Hai in Hindi by Humaira Rahat. Download free Kisi Bhi Raegani Se BaDa Hai Poem for Youth in PDF. Kisi Bhi Raegani Se BaDa Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Kisi Bhi Raegani Se BaDa Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.