Sharab Poetry (page 47)
तस्वीर-ए-दर्द
अल्लामा इक़बाल
शिकवा
अल्लामा इक़बाल
सर-गुज़िश्त-ए-आदम
अल्लामा इक़बाल
साक़ी-नामा
अल्लामा इक़बाल
राम
अल्लामा इक़बाल
नया शिवाला
अल्लामा इक़बाल
मस्जिद-ए-क़ुर्तुबा
अल्लामा इक़बाल
मार्च 1907
अल्लामा इक़बाल
लेनिन
अल्लामा इक़बाल
जावेद के नाम
अल्लामा इक़बाल
जवाब-ए-शिकवा
अल्लामा इक़बाल
हिमाला
अल्लामा इक़बाल
ये हूरयान-ए-फ़रंगी दिल ओ नज़र का हिजाब
अल्लामा इक़बाल
तुझे याद क्या नहीं है मिरे दिल का वो ज़माना
अल्लामा इक़बाल
तू अभी रहगुज़र में है क़ैद-ए-मक़ाम से गुज़र
अल्लामा इक़बाल
समा सकता नहीं पहना-ए-फ़ितरत में मिरा सौदा
अल्लामा इक़बाल
रहा न हल्क़ा-ए-सूफ़ी में सोज़-ए-मुश्ताक़ी
अल्लामा इक़बाल
ने मोहरा बाक़ी ने मोहरा-बाज़ी
अल्लामा इक़बाल
नाला है बुलबुल-ए-शोरीदा तिरा ख़ाम अभी
अल्लामा इक़बाल
न हो तुग़्यान-ए-मुश्ताक़ी तो मैं रहता नहीं बाक़ी
अल्लामा इक़बाल
मुसलमाँ के लहू में है सलीक़ा दिल-नवाज़ी का
अल्लामा इक़बाल
मुझे आह-ओ-फ़ुग़ान-ए-नीम-शब का फिर पयाम आया
अल्लामा इक़बाल
मिटा दिया मिरे साक़ी ने आलम-ए-मन-ओ-तू
अल्लामा इक़बाल
मकतबों में कहीं रानाई-ए-अफ़कार भी है
अल्लामा इक़बाल
मजनूँ ने शहर छोड़ा तो सहरा भी छोड़ दे
अल्लामा इक़बाल
ला फिर इक बार वही बादा ओ जाम ऐ साक़ी
अल्लामा इक़बाल
कुशादा दस्त-ए-करम जब वो बे-नियाज़ करे
अल्लामा इक़बाल
ख़ुदी की शोख़ी ओ तुंदी में किब्र-ओ-नाज़ नहीं
अल्लामा इक़बाल
खो न जा इस सहर ओ शाम में ऐ साहिब-ए-होश
अल्लामा इक़बाल
ख़िरद ने मुझ को अता की नज़र हकीमाना
अल्लामा इक़बाल