Sharab Poetry (page 44)
हवा का तख़्त बिछाता हूँ रक़्स करता हूँ
अंजुम सलीमी
जाए ख़िरद नहीं है कि फ़रज़ाना चाहिए
अंजुम रूमानी
हर चंद उन्हें अहद फ़रामोश न होगा
अंजुम रूमानी
बदल चुके हैं सब अगली रिवायतों के निसाब
अंजुम ख़लीक़
इतनी सारी शामों में एक शाम कर लेना
अंजुम इरफ़ानी
बड़ी फ़र्ज़-आश्ना है सबा करे ख़ूब काम हिसाब का
अंजुम इरफ़ानी
जो शब भर आँसुओं से तर रहेगा
अंजुम आज़मी
हम से क्या ख़ाक के ज़र्रों ही से पूछा होता
अंजुम आज़मी
आलम-ए-वहशत-ए-तन्हाई है कुछ और नहीं
अंजुम आज़मी
अनजाने ख़्वाब की ख़ातिर क्यूँ चैन गँवाया
अंजुम अंसारी
बहाए शबनम ने अश्क पैहम नसीम भरती है सर्द आहें
अनीसा बेगम
नक़ाब उल्टा है शम्ओं' ने सितारो तुम तो सो जाओ
अनीस कैफ़ी
तिरे गेसुओं के साए में जो एक पल रहा हूँ
अनीस अहमद अनीस
शीशा ही चाहिए न मय-ए-अर्ग़वाँ मुझे
अनीस अहमद अनीस
नज़र मिलते ही साक़ी से गिरी इक बर्क़ सी दिल पर
अनीस अहमद अनीस
अब ग़म का कोई ग़म न ख़ुशी की ख़ुशी मुझे
अनीस अहमद अनीस
निज़ाम-ए-मय-कदा साक़ी बदलने की ज़रूरत है
आनंद नारायण मुल्ला
गुरु-नानक
आनंद नारायण मुल्ला
सर-ए-महशर यही पूछूँगा ख़ुदा से पहले
आनंद नारायण मुल्ला
सर-ए-महशर यही पूछूँगा ख़ुदा से पहले
आनंद नारायण मुल्ला
निगाह-ओ-दिल का अफ़्साना क़रीब-ए-इख़्तिताम आया
आनंद नारायण मुल्ला
जब दिल में ज़रा भी आस न हो इज़्हार-ए-तमन्ना कौन करे
आनंद नारायण मुल्ला
जान-ए-अफ़्साना यही कुछ भी हो अफ़्साने का नाम
आनंद नारायण मुल्ला
इल्म-ओ-जाह-ओ-ज़ोर-ओ-ज़र कुछ भी न देखा जाए है
आनंद नारायण मुल्ला
दुनिया है ये किसी का न इस में क़ुसूर था
आनंद नारायण मुल्ला
भूले से भी लब पर सुख़न अपना नहीं आता
आनंद नारायण मुल्ला
उदास दिल है कि उन की नज़र नहीं होती
अमृत लाल इशरत
ये मय-कश कौन बा-सद लग़्ज़िश-ए-मस्ताना आता है
अम्न लख़नवी
शौक़-ए-सवाब कुछ नहीं ख़ौफ़-ए-अज़ाब कुछ नहीं
अम्न लख़नवी
शिकस्त-ए-जाम
अमजद नजमी