Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_62ca3134e428cdb391c83a431de6ee69, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Sharab Poetry | Sharab Shayari In Hindi - Page 21 - Darsaal

Sharab Poetry (page 21)

हमारे दिल की बजा दी है उस ने ईंट से ईंट

फ़व्वाद अहमद

हाथ में अपने अभी तक एक साग़र ही तो है

फ़ातिमा वसीया जायसी

दे गया लिख कर वो बस इतना जुदा होते हुए

फ़सीह अकमल

नख़्ल-ए-ममनूअा के रुख़ दोबारा गया मैं तो मारा गया

फ़रताश सय्यद

इश्क़ हूँ जुरअत-ए-इज़हार भी कर सकता हूँ

फ़रताश सय्यद

यूँही कर लेते हैं औक़ात बसर अपना क्या

फ़ारूक़ नाज़की

तेरी मर्ज़ी न दे सबात मुझे

फ़ारूक़ नाज़की

रंग ख़ाके में नया भर दूँगा मैं

फ़ारूक़ नाज़की

अपनी ग़ज़ल को ख़ून का सैलाब ले गया

फ़ारूक़ नाज़की

ख़ुशी से फूलें न अहल-ए-सहरा अभी कहाँ से बहार आई

फ़ारूक़ बाँसपारी

ब-रोज़-ए-हश्र मिरे साथ दिल-लगी ही तो है

फ़ारूक़ बाँसपारी

इस क़दर महव-ए-तसव्वुर हूँ सितमगर तेरा

फ़रोग़ हैदराबादी

वो रोज़-ओ-शब भी नहीं हैं वो रंग-ओ-बू भी नहीं

फ़ारिग़ बुख़ारी

वो रोज़-ओ-शब भी नहीं है वो रंग-ओ-बू भी नहीं

फ़ारिग़ बुख़ारी

कुछ अब के बहारों का भी अंदाज़ नया है

फ़ारिग़ बुख़ारी

देखे कोई जो चाक-ए-गरेबाँ के पार भी

फ़ारिग़ बुख़ारी

चाँदनी ने रात का मौसम जवाँ जैसे किया

फ़ारिग़ बुख़ारी

अपने ही साए में था में शायद छुपा हुआ

फ़ारिग़ बुख़ारी

दो झुकी आँखों का पहुँचा जब मिरे दिल को सलाम

फ़रहत शहज़ाद

कुछ तो वुफ़ूर-ए-शौक़ में बाइ'स-ए-इम्तियाज़ हो

फ़रहत कानपुरी

तराना-ए-रेख़्ता

फ़रहत एहसास

ये सारे ख़ूबसूरत जिस्म अभी मर जाने वाले हैं

फ़रहत एहसास

वो महफ़िलें पुरानी अफ़्साना हो रही हैं

फ़रहत एहसास

रात बहुत शराब पी रात बहुत पढ़ी नमाज़

फ़रहत एहसास

पहले क़ब्रिस्तान आता है फिर अपनी बस्ती आती है

फ़रहत एहसास

नंग धड़ंग मलंग तरंग में आएगा जो वही काम करेंगे

फ़रहत एहसास

मिरी मोहब्बत में सारी दुनिया को इक खिलौना बना दिया है

फ़रहत एहसास

ख़लल आया न हक़ीक़त में न अफ़्साना बना

फ़रहत एहसास

खड़ी है रात अंधेरों का अज़दहाम लगाए

फ़रहत एहसास

जिस्म जब महव-ए-सुख़न हों शब-ए-ख़ामोशी से

फ़रहत एहसास

Get Sharab poetry. Get sharab shayari in Hindi. Find sharab ghazals and get sharab sad poetry. Get shayari on sharab by Ghalib in Hindi. Find Hindi sharabi shayari. Get sharab shayari 2 lines in Hindi.

Liquor or Alcohol is regarded as ‘Sharab’ in Hindi. Sharab literally refers towards drink. But specifically, in Hindi it is used for Alcohol and liquor. Whereas poetry in Hindi is termed as ‘Shayari’. The poetic poems or rhymes are termed as ghazals, Kavita and nazam.

In the Hindi literature, Sharab is most widely used as the central topic. There is a gigantic number of poems and ghazals on Sharab in Hindi written by famous Hindi poets. It is typically used to depict the intensity and depth of the oblivion that occurs due to love. Many famous Hindi poets use the term sharab to compare the profundity of their beloved’s eyes.

Here you can find all sort of sharab shayari in Hindi by famous Hindi poets. Moreover you can get short rhymes and verses as well along with variety of quotes on Sharab in Hindi.