Sharab Poetry
दूसरा जन्म
बलराज कोमल
शबाब आ गया उस पर शबाब से पहले
ए जी जोश
कितने में बनती है मोहर ऐसी
अहमद जावेद
भगवान-राम
चरख़ चिन्योटी
हर-सम्त ताज़गी सी झरनों की नग़्मगी से कितनी
जाफ़र रज़ा
कोई शिकवा तो ज़ेर-ए-लब होगा
ए जी जोश
क्यूँ यूरिश-ए-तरब में भी ग़म याद आ गए
एहतिशाम हुसैन
तिरी तलाश तिरी जुस्तुजू उतरती है
हनीफ़ राही
अफ़्सूँ पहली बारिश का
मसूद मिर्ज़ा नियाज़ी
इक तेरी बे-रुख़ी से ज़माना ख़फ़ा हुआ
अर्श सिद्दीक़ी
बेचैनी
दौर आफ़रीदी
उर्दू की शोहरा-ए-आफ़ाक़ वेब-साइट रेख़्ता की इल्मी-ओ-अदबी ख़िदमात पर मंज़ूम तअस्सुरात
अहमद अली बर्क़ी आज़मी
यौम-ए-जम्हूर
चरख़ चिन्योटी
दूर का सफ़र
बलराज कोमल
यौम-ए-बर्क़
बिर्ज लाल रअना
कल से आज तक
दौर आफ़रीदी
अलाव
बलराज कोमल
इश्क़-आबाद की शाम
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कभी बहुत है कभी ध्यान तेरा कुछ कम है
तनवीर अंजुम
ख़ंदगी ख़ुश लब तबस्सुम मिस्ल-ए-अरमाँ हो गए
इरफ़ान अहमद मीर
ज़बानों पर नहीं अब तूर का फ़साना बरसों से
इक़बाल सुहैल
हुस्न-ए-फ़ितरत की आबरू मुझ से
इक़बाल सुहैल
अंजाम-ए-वफ़ा भी देख लिया अब किस लिए सर ख़म होता है
इक़बाल सुहैल
अब दिल को हम ने बंदा-ए-जानाँ बना दिया
इक़बाल सुहैल
कोई समझाए कि क्या रंग है मयख़ाने का
इक़बाल सफ़ी पूरी
चश्म-ए-साक़ी मुझे हर गाम पे याद आती है
इक़बाल सफ़ी पूरी
गुज़र गई जो चमन पर वो कोई क्या जाने
इक़बाल सफ़ी पूरी
गर्दिशों में भी हम रास्ता पा गए
इक़बाल सफ़ी पूरी
जिस का चेहरा गुलाब जैसा है
इक़बाल पयाम
नज़र नज़र में तमन्ना क़दम क़दम पे गुरेज़
इक़बाल माहिर