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Islamic Poetry In Hindi - Page 40 - Darsaal

Islamic Poetry (page 40)

इक बेवफ़ा को दर्द का दरमाँ बना लिया

बहज़ाद लखनवी

ऐ जज़्बा-ए-दिल गर मैं चाहूँ हर चीज़ मुक़ाबिल आ जाए

बहज़ाद लखनवी

ये दिल जो मुज़्तरिब रहता बहुत है

बेदिल हैदरी

भूक चेहरों पे लिए चाँद से प्यारे बच्चे

बेदिल हैदरी

कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं

बेदम शाह वारसी

बरहमन मुझ को बनाना न मुसलमाँ करना

बेदम शाह वारसी

यूँ गुलशन-ए-हस्ती की माली ने बिना डाली

बेदम शाह वारसी

ये साक़ी की करामत है कि फ़ैज़-ए-मय-परस्ती है

बेदम शाह वारसी

ये ख़ुसरवी-ओ-शौकत-ए-शाहाना मुबारक

बेदम शाह वारसी

तुम ख़फ़ा हो तो अच्छा ख़फ़ा हो

बेदम शाह वारसी

सीने में दिल है दिल में दाग़ दाग़ में सोज़-ओ-साज़-ए-इश्क़

बेदम शाह वारसी

सहारा मौजों का ले ले के बढ़ रहा हूँ मैं

बेदम शाह वारसी

क़फ़स की तीलियों से ले के शाख़-ए-आशियाँ तक है

बेदम शाह वारसी

पास-ए-अदब मुझे उन्हें शर्म-ओ-हया न हो

बेदम शाह वारसी

न तो अपने घर में क़रार है न तिरी गली में क़याम है

बेदम शाह वारसी

न सुनो मेरे नाले हैं दर्द-भरे दार-ओ-असरे आह-ए-सहरे

बेदम शाह वारसी

न मेहराब-ए-हरम समझे न जाने ताक़-ए-बुत-ख़ाना

बेदम शाह वारसी

मुझे शिकवा नहीं बर्बाद रख बर्बाद रहने दे

बेदम शाह वारसी

मुबारक साक़ी-ए-मस्ताँ मुबारक

बेदम शाह वारसी

में ग़श में हूँ मुझे इतना नहीं होश

बेदम शाह वारसी

काश मिरी जबीन-ए-शौक़ सज्दों से सरफ़राज़ हो

बेदम शाह वारसी

कभी यहाँ लिए हुए कभी वहाँ लिए हुए

बेदम शाह वारसी

काबे का शौक़ है न सनम-ख़ाना चाहिए

बेदम शाह वारसी

गुल का किया जो चाक गरेबाँ बहार ने

बेदम शाह वारसी

बरहमन मुझ को बनाना न मुसलमाँ करना

बेदम शाह वारसी

अल्लाह-रे फ़ैज़ एक जहाँ मुस्तफ़ीद है

बेदम शाह वारसी

अगर काबा का रुख़ भी जानिब-ए-मय-ख़ाना हो जाए

बेदम शाह वारसी

तरहदार कहाँ से लाऊँ

बेबाक भोजपुरी

रक़्क़ासा-ए-औहाम

बेबाक भोजपुरी

नक़्श बर-दीवार

बेबाक भोजपुरी

Islam is world’s second largest religion with over a billion followers from all around the world. People from every part of the World are converting into Islam with drastic growth. Subcontinent, apart from the middle eastern countries also possesses gigantic numbers of Muslims in India and Pakistan both. Hindi poets residing in the subcontinent have written poems, rhymes and verses describing about Islam and portraying its positivity as a religion.

Poets have played a vital role in the subcontinent in terms of preaching Islam. Due to influencing and life changing Islamic based poetry in Hindi, a large number of people belonging from other communities converted into Islam. Here you can read all that Islamic poetry in Hindi by famous Hindi poets. Apart from it you can also get latest poems and rhymes by new Hindi poets on Islam. Other than this you can find wide variety of quotes on Islam in Hindi.