Heart Broken Poetry (page 207)
इक हूक सी जब दिल में उट्ठी जज़्बात हमारे आ पहुँचे
बीएस जैन जौहर
कुछ नहीं होता शब भर सोचों का सरमाया होता है
अज़रक़ अदीम
तारीक उजालों में बे-ख़्वाब नहीं रहना
अज़रा वहीद
पर सऊबत रास्तों की गर्मियाँ भी दे गया
अज़रा वहीद
मसअले ज़ेर-ए-नज़र कितने थे
अज़रा वहीद
हवा के लब पे नए इंतिसाब से कुछ हैं
अज़रा वहीद
गिरे क़तरों में पत्थर पर सदा ऐसा भी होता है
अज़रा वहीद
ग़ुबार-ए-जाँ पस-ए-दीवार-ओ-दर समेटा है
अज़रा वहीद
फ़ज़ा का रंग निखरता दिखाई देता है
अज़रा वहीद
सिमट गई तो शबनम फूल सितारा थी
अज़रा परवीन
बहर-ए-चराग़ ख़ुद को जलाने वाली मैं
अज़रा परवीन
अब अपनी चीख़ भी क्या अपनी बे ज़बानी क्या
अज़रा परवीन
उन्हें मुझ से शिकायत है
अज़रा नक़वी
सुब्ह के दो मंज़र
अज़रा नक़वी
हार-सिंगार
अज़रा नक़वी
किसी ख़याल की हिद्दत से जलना चाहती हूँ
अज़रा नक़वी
ये बोसे
अज़रा अब्बास
टूटी हुई रस्सी
अज़रा अब्बास
तुम हँसते क्यूँ हो
अज़रा अब्बास
सेल्फ-पोर्ट्रेट
अज़रा अब्बास
समुंदर की ख़ुश्बू
अज़रा अब्बास
नहीं
अज़रा अब्बास
लफ़्ज़ों के खेल
अज़रा अब्बास
लफ़्ज़ों का ज़वाल
अज़रा अब्बास
ख़ाली बेंच
अज़रा अब्बास
हम दोनों
अज़रा अब्बास
फ़ीमेल बुल-फ़ाइटर
अज़रा अब्बास
एक ज़िंदगी और मिल जाए
अज़रा अब्बास
एक नज़्म रोज़ आती है
अज़रा अब्बास
एक नज़्म लिखना मुश्किल है
अज़रा अब्बास