ख्वाब Poetry (page 52)
पहले तो उस की ज़ात ग़ज़ल में समेट लूँ
चंद्र प्रकाश जौहर बिजनौरी
हिजाब बन के वो मेरी नज़र में रहता है
चंद्र प्रकाश जौहर बिजनौरी
एक मुद्दत से उसे देखा नहीं
चाँदनी पांडे
देते हैं मेरे जाम में देखें शराब कब
चंद्रभान कैफ़ी देहल्वी
रामायण का एक सीन
चकबस्त ब्रिज नारायण
मर्सिया गोपाल कृष्ण गोखले
चकबस्त ब्रिज नारायण
ख़ाक-ए-हिंद
चकबस्त ब्रिज नारायण
आसिफ़ुद्दौला का इमामबाड़ा लखनऊ
चकबस्त ब्रिज नारायण
ज़बाँ को बंद करें या मुझे असीर करें
चकबस्त ब्रिज नारायण
मिरी बे-ख़ुदी है वो बे-ख़ुदी कहीं ख़ुदी का वहम-ओ-गुमाँ नहीं
चकबस्त ब्रिज नारायण
फ़ना का होश आना ज़िंदगी का दर्द-ए-सर जाना
चकबस्त ब्रिज नारायण
शिकन-अंदर-शिकन याद आ गया है
बुशरा ज़ैदी
सवाद-ए-शाम से डरता हुआ नज़र आया
बुशरा ज़ैदी
अब के बरस भी महका महका ख़्वाब दरीचा लगता है
बुशरा ज़ैदी
जो न कट सका वो निशान था किसी ज़ख़्म का
बुशरा हाश्मी
सर-ए-दश्त दिल जो सराब था कोई ख़्वाब था
बुशरा हाश्मी
उन्हें ढूँडो
बुशरा एजाज़
मेरे ख़ामोश ख़ुदा
बुशरा एजाज़
मिरी रात मेरा चराग़ मेरी किताब दे
बुशरा एजाज़
मिरी ज़िंदगी है तन्हा तुम्हें कुछ असर तो होता
बबल्स होरा सबा
ख़ामुशी में क़यास मेरा है
बबल्स होरा सबा
सुलगती रेत में इक चेहरा आब सा चमका
बृजेश अम्बर
तुझ से तसव्वुरात में ऐ जान-ए-आरज़ू
ब्रहमा नन्द जलीस
पूछते हैं बज़्म में सुन कर वो अफ़्साना मिरा
ब्रहमा नन्द जलीस
दास्तान-ए-शमअ' थी या क़िस्सा-ए-परवाना था
ब्रहमा नन्द जलीस
हैराँ हूँ कि अब लाऊँ कहाँ से मैं ज़बाँ और
बिस्मिल साबरी
उन से कह दो कि इलाज-ए-दिल-ए-शैदा न करें
बिस्मिल इलाहाबादी
साज़-ए-हस्ती का अजब जोश नज़र आता है
बिस्मिल इलाहाबादी
किसी तरह भी किसी से न दिल लगाना था
बिस्मिल इलाहाबादी
सिमटा तिरा ख़याल तो दिल में समा गया
बिस्मिल आग़ाई