Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9a191149fb2dbbf809af0ebcbea657fb, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
कहीं पे माल-ओ-दुनिया की ख़रीदार की बातें हैं - हिना हैदर कविता - Darsaal

कहीं पे माल-ओ-दुनिया की ख़रीदार की बातें हैं

कहीं पे माल-ओ-दुनिया की ख़रीदार की बातें हैं

कहीं पे दिन-ब-दिन बढ़ती रिया-कारी की बातें हैं

भरे बाज़ार में सच की दुकानों पर है सन्नाटा

तिजारत झूट की चमकी है मक्कारी की बातें हैं

कहीं रोज़े पे रोज़े सिर्फ़ पानी पी के खुलते हैं

कहीं बस नाम पे रोज़ों के इफ़्तारी कि बातें हैं

कहीं खाना ही खाना है मगर पीने से कब फ़ुर्सत

कहीं पे भूक की बस्ती में बीमारी कि बातें हैं

ज़माने और थे वो जिन में कुछ दरवेश होते थे

नए इस दौर में हर सम्त बद-कारी की बातें हैं

वफ़ा ईसार क़ुर्बानी वहाँ अब लोग क्या जानें

जहाँ नीलाम होते ज़र्फ़-ओ-ख़ुद्दारी की बातें हैं

कभी मज़हब था दिल में अब है दौलत की पनाहों में

ख़ुदा का नाम ले कर भी गुनहगारी की बातें हैं

किसी के ज़ख़्म पे मरहम 'हिना' रखता नहीं कोई

नमक लहजों ने घोला क़ल्ब-आज़ारी की बातें हैं

(1038) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kahin Pe Mal-o-duniya Ki KHaridar Ki Baaten Hain In Hindi By Famous Poet Hina Haider. Kahin Pe Mal-o-duniya Ki KHaridar Ki Baaten Hain is written by Hina Haider. Complete Poem Kahin Pe Mal-o-duniya Ki KHaridar Ki Baaten Hain in Hindi by Hina Haider. Download free Kahin Pe Mal-o-duniya Ki KHaridar Ki Baaten Hain Poem for Youth in PDF. Kahin Pe Mal-o-duniya Ki KHaridar Ki Baaten Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Kahin Pe Mal-o-duniya Ki KHaridar Ki Baaten Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.