Hope Poetry of Himayat Ali Shayar
नाम | हिमायत अली शाएर |
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अंग्रेज़ी नाम | Himayat Ali Shayar |
जन्म की तारीख | 1930 |
जन्म स्थान | Karachi |
ज़िंदगी की बात सुन कर क्या कहें
मैं सोचता हूँ इस लिए शायद मैं ज़िंदा हूँ
मुद्दत के बाद
हरीफ़-ए-विसाल
दूसरा तजरबा
तख़ातुब है तुझ से ख़याल और का है
मेरा शुऊ'र मुझ को ये आज़ार दे गया
मैं सो रहा था और कोई बेदार मुझ में था
कब तक रहूँ मैं ख़ौफ़-ज़दा अपने आप से
इस शहर-ए-ख़ुफ़्तगाँ में कोई तो अज़ान दे
इस दश्त-ए-सुख़न में कोई क्या फूल खिलाए
दस्तक हवा ने दी है ज़रा ग़ौर से सुनो