Sad Poetry of Hilal Fareed
नाम | हिलाल फ़रीद |
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अंग्रेज़ी नाम | Hilal Fareed |
जन्म स्थान | London |
अपने दुख में रोना-धोना आप ही आया
आज फिर दब गईं दर्द की सिसकियाँ
आज न हम से पूछिए कैसा कमाल हो गया
ये विसाल ओ हिज्र का मसअला तो मिरी समझ में न आ सका
वक़्त ने रंग बहुत बदले क्या कुछ सैलाब नहीं आए
वही हुआ कि ख़ुद भी जिस का ख़ौफ़ था मुझे
सब कुछ खो कर मौज उड़ाना इश्क़ में सीखा
रुकने के लिए दस्त-ए-सितम-गर भी नहीं था
रास्ता देर तक सोचता रह गया
कभी तो सेहन-ए-अना से निकले कहीं पे दश्त-ए-मलाल आया
हम ख़ुद भी हुए नादिम जब हर्फ़-ए-दुआ निकला
आँखों में वो ख़्वाब नहीं बसते पहला सा वो हाल नहीं होता