Ghazals of Hilal Fareed
नाम | हिलाल फ़रीद |
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अंग्रेज़ी नाम | Hilal Fareed |
जन्म स्थान | London |
ये विसाल ओ हिज्र का मसअला तो मिरी समझ में न आ सका
वक़्त ने रंग बहुत बदले क्या कुछ सैलाब नहीं आए
वही हुआ कि ख़ुद भी जिस का ख़ौफ़ था मुझे
थी अजब ही दास्ताँ जब तमाम हो गई
सब कुछ खो कर मौज उड़ाना इश्क़ में सीखा
रुकने के लिए दस्त-ए-सितम-गर भी नहीं था
रास्ता देर तक सोचता रह गया
मुमकिन ही नहीं कि किनारा भी करेगा
कभी तो सेहन-ए-अना से निकले कहीं पे दश्त-ए-मलाल आया
हम ख़ुद भी हुए नादिम जब हर्फ़-ए-दुआ निकला
आँसू तो कोई आँख में लाया नहीं हूँ मैं
आँखों में वो ख़्वाब नहीं बसते पहला सा वो हाल नहीं होता