Love Poetry of Hijr Nazim Ali Khan
नाम | हिज्र नाज़िम अली ख़ान |
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अंग्रेज़ी नाम | Hijr Nazim Ali Khan |
जन्म की तारीख | 1880 |
मौत की तिथि | 1914 |
न दर्द था न ख़लिश थी न तिलमिलाना था
अक्स से अपने वो यूँ कहते हैं आईने में
आया भी कोई दिल में गया भी कोई दिल से
वो ये कहते हैं ज़माने की तमन्ना मैं हूँ
वो शोख़ बाम पे जब बे-नक़ाब आएगा
तुम भी निगाह में हो अदू भी नज़र में है
शब-ए-फ़िराक़ कुछ ऐसा ख़याल-ए-यार रहा
मुझे फ़रेब-ए-वफ़ा दे के दम में लाना था
कुछ मोहब्बत में अजब शेव-ए-दिल-दार रहा
दिल फ़ुर्क़त-ए-हबीब में दीवाना हो गया