Khawab Poetry of Hidayatullah Khan Shamsi
नाम | हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hidayatullah Khan Shamsi |
ज़िंदगी से मिली सौग़ात ये तन्हाई की
मिरे शाने पे रहने दो अभी गेसू ज़रा ठहरो
दिल में इक शोर उठाते हैं चले जाते हैं
नाम | हिदायतुल्लाह ख़ान शम्सी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hidayatullah Khan Shamsi |
ज़िंदगी से मिली सौग़ात ये तन्हाई की
मिरे शाने पे रहने दो अभी गेसू ज़रा ठहरो
दिल में इक शोर उठाते हैं चले जाते हैं