Islamic Poetry of Heera Lal Falak Dehlvi
नाम | हीरा लाल फ़लक देहलवी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Heera Lal Falak Dehlvi |
याद इतना है मिरे लब पे फ़ुग़ाँ आई थी
देखूँगा किस क़दर तिरी रहमत में जोश है
ज़माना देखता है हंस के चश्म-ए-ख़ूँ-फ़िशाँ मेरी
सुकून-ए-दिल के लिए और क़रार-ए-जाँ के लिए
रंग-आमेज़ी से पैदा कुछ असर ऐसा हुआ
हो ख़ुदा का करम इरादों पर
दिल शादमाँ हो ख़ुल्द की भी आरज़ू न हो
आह-ए-ज़िंदाँ में जो की चर्ख़ पे आवाज़ गई