Hope Poetry of Heera Lal Falak Dehlvi
नाम | हीरा लाल फ़लक देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Heera Lal Falak Dehlvi |
चराग़-ए-इल्म रौशन-दिल है तेरा
ये और बात है हर शख़्स के गुमाँ में नहीं
तारों से माहताब से और कहकशाँ से क्या
सुकून-ए-दिल के लिए और क़रार-ए-जाँ के लिए
रौशन है फ़ज़ा शम्स कोई है न क़मर है
रंग-आमेज़ी से पैदा कुछ असर ऐसा हुआ
मेरी हस्ती में मिरी ज़ीस्त में शामिल होना
क्या कहें क्यूँकर हुआ तूफ़ान में पैदा क़फ़स
दिल शादमाँ हो ख़ुल्द की भी आरज़ू न हो
अश्क-ए-ग़म वो है जो दुनिया को दिखा भी न सकूँ
आरास्ता बज़्म-ए-ऐश हुई अब रिंद पिएँगे खुल खुल के
आह-ए-ज़िंदाँ में जो की चर्ख़ पे आवाज़ गई