Coupletss of Heera Lal Falak Dehlvi
नाम | हीरा लाल फ़लक देहलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Heera Lal Falak Dehlvi |
याद इतना है मिरे लब पे फ़ुग़ाँ आई थी
वुसअ'त तिलिस्म-ख़ाना-ए-आलम की क्या कहूँ
तन को मिट्टी नफ़स को हवा ले गई
रौशनी तेज़ करो चाँद सितारो अपनी
परतव-ए-हुस्न हूँ इस वास्ते महदूद हूँ मैं
पहुँचो गर इक चाँद पर सौ और आते हैं नज़र
निय्यत अगर ख़राब हुई है हुज़ूर की
नज़रों में हुस्न दिल में तुम्हारा ख़याल है
मिरा ख़त पढ़ लिया उस ने मगर ये तो बता क़ासिद
मक़ाम-ए-बर्क़ जिसे आसमाँ भी कहते हैं
मैं ने अंजाम से पहले न पलट कर देखा
मैं तिरा जल्वा तू मेरा दिल है मेरे हम-नशीं
लोग अंदाज़ा लगाएँगे अमल से मेरे
क्या बात है नज़रों से अंधेरा नहीं जाता
हम तो मंज़िल के तलबगार थे लेकिन मंज़िल
हाल बीमार का पूछो तो शिफ़ा मिलती है
देखूँगा किस क़दर तिरी रहमत में जोश है
चराग़-ए-इल्म रौशन-दिल है तेरा
अपना घर फिर अपना घर है अपने घर की बात क्या
ऐ शाम-ए-ग़म की गहरी ख़मोशी तुझे सलाम
अब कहे जाओ फ़साने मिरी ग़र्क़ाबी के