हज़ीं लुधियानवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हज़ीं लुधियानवी
नाम | हज़ीं लुधियानवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hazin Ludhianvi |
उतर के नीचे कभी मेरे साथ भी तो चलो
तुंदी-ए-सैल-ए-वक़्त में ये भी है कोई ज़िंदगी
तुलूअ होगा अभी कोई आफ़्ताब ज़रूर
नज़र न आई कभी फिर वो गाँव की गोरी
जो पा लिया तुझे मैं ख़ुद को ढूँडने निकला
आओ मिल बैठ कर हँसें बोलें
उतरने वाली दुखों की बरात से पहले
उम्र भर बहते हैं ग़म के तुंद-रौ धारों के साथ
सर-ता-ब-क़दम ख़ून का जब ग़ाज़ा लगा है
क़ल्ब को बर्फ़-आश्ना न करो
फिर फ़ज़ा धुँदला गई आसार हैं तूफ़ान के
मिरे रियाज़ का आख़िर असर दिखाई दिया
मिरे कलाम में पेचीदा इस्तिआ'रा नहीं
मवाद कर के फ़राहम चमकती सड़कों से
क्या गुल खिलाए देखिए तपती हुई हवा
इस तरह पैकर-ए-वफ़ा हो जाएँ
इस का नहीं है ग़म कोई, जाँ से अगर गुज़र गए
इस का नहीं है ग़म कोई जाँ से अगर गुज़र गए
हज़ीं तुम अपनी कभी वज़्अ भी सँवारोगे
हैरान सारा शहर था जिस की उड़ान पर
दर्द के सीप में पैदा हुई बेदारी सी
आँसू को अपने दीदा-ए-तर से निकालना