सिर्फ़ ख़यालों में न रहा कर
सिर्फ़ ख़यालों में न रहा कर
ख़ुद से बाहर भी निकला कर
लब पे नहीं आतीं सब बातें
ख़ामोशी को भी समझा कर
उम्र सँवर जाएगी तेरी
प्यार को अपना आईना कर
जब तू कोई क़लम ख़रीदे
पहले उन का नाम लिखा कर
सोच समझ सब ताक़ पे रख कर
प्यार में बच्चों सा मचला कर
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