Sad Poetry of Hassan Ahmad Awan
नाम | हस्सान अहमद आवान |
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अंग्रेज़ी नाम | Hassan Ahmad Awan |
ये ख़ाकी आग से हो कर यहाँ पे पहुँचा है
तमाम तारों को जैसे क़मर से जोड़ा है
सर-ए-दरबार ख़ामोशी तह-ए-दरबार ख़ुशियाँ हैं
इश्क़ आज़ार कर दिया जाए
दरिया की तरफ़ देख लो इक बार मिरे यार
अश्क की ऐसी फ़रावानी पे रश्क आता है