Sharab Poetry of Hasrat Mohani
नाम | हसरत मोहानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasrat Mohani |
जन्म की तारीख | 1875 |
मौत की तिथि | 1951 |
जन्म स्थान | Delhi |
उन को रुस्वा मुझे ख़राब न कर
उन को जो शुग़्ल-ए-नाज़ से फ़ुर्सत न हो सकी
पैहम दिया प्याला-ए-मय बरमला दिया
नज़्ज़ारा-ए-पैहम का सिला मेरे लिए है
न सूरत कहीं शादमानी की देखी
न समझे दिल फ़रेब-ए-आरज़ू को
न सही गर उन्हें ख़याल नहीं
क्या तुम को इलाज-ए-दिल-ए-शैदा नहीं आता
ख़ू समझ में नहीं आती तिरे दीवानों की
जो वो नज़र बसर-ए-लुत्फ़ आम हो जाए
हम ने किस दिन तिरे कूचे में गुज़ारा न किया
दीदनी हैं दिल-ए-ख़राब के रंग
बाम पर आने लगे वो सामना होने लगा
आसान-ए-हक़ीकी है न कुछ सहल-ए-मजाज़ी