Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_68a6a708491f31e4e67841dc25983e58, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
वो चुप हो गए मुझ से क्या कहते कहते - हसरत मोहानी कविता - Darsaal

वो चुप हो गए मुझ से क्या कहते कहते

वो चुप हो गए मुझ से क्या कहते कहते

कि दिल रह गया मुद्दआ कहते कहते

मिरा इश्क़ भी ख़ुद-ग़रज़ हो चला है

तिरे हुस्न को बेवफ़ा कहते कहते

शब-ए-ग़म किस आराम से सो गए हैं

फ़साना तिरी याद का कहते कहते

ये क्या पड़ गई ख़ू-ए-दुश्नाम तुम को

मुझे ना-सज़ा बरमला कहते कहते

ख़बर उन को अब तक नहीं मर मिटे हम

दिल-ए-ज़ार का माजरा कहते कहते

अजब क्या जो है बद-गुमाँ सब से वाइज़

बुरा सुनते सुनते बुरा कहते कहते

वो आए मगर आए किस वक़्त 'हसरत'

कि हम चल बसे मरहबा कहते कहते

(1368) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wo Chup Ho Gae Mujhse Kya Kahte Kahte In Hindi By Famous Poet Hasrat Mohani. Wo Chup Ho Gae Mujhse Kya Kahte Kahte is written by Hasrat Mohani. Complete Poem Wo Chup Ho Gae Mujhse Kya Kahte Kahte in Hindi by Hasrat Mohani. Download free Wo Chup Ho Gae Mujhse Kya Kahte Kahte Poem for Youth in PDF. Wo Chup Ho Gae Mujhse Kya Kahte Kahte is a Poem on Inspiration for young students. Share Wo Chup Ho Gae Mujhse Kya Kahte Kahte with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.