Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_167c88c5c3f9457101843ec760a4956e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
सियहकार थे बा-सफ़ा हो गए हम - हसरत मोहानी कविता - Darsaal

सियहकार थे बा-सफ़ा हो गए हम

सियहकार थे बा-सफ़ा हो गए हम

तिरे इश्क़ में क्या से क्या हो गए हम

न जाना कि शौक़ और भड़केगा मेरा

वो समझे कि उस से जुदा हो गए हम

दम-ए-वापसीं आए पुर्सिश को नाहक़

बस अब जाओ तुम से ख़फ़ा हो गए हम

हुए मह्व किस की तमन्ना में ऐसे

कि मुस्तग़नी-ए-मा-सिवा हो गए हम

उन्हें रंज अब क्यूँ हुआ हम तो ख़ुश हैं

कि मर कर शहीद-ए-वफ़ा हो गए हम

जब उन से अदब ने न कुछ मुँह से माँगा

तो इक पैकर-ए-इल्तिजा हो गए हम

तिरी फ़िक्र का मुब्तिला हो गया दिल

मगर क़ैद-ए-ग़म से रिहा हो गए हम

फ़ना हो के राह-ए-मोहब्बत में 'हसरत'

सज़ा-वार-ए-ख़ुल्द-ए-बक़ा हो गए हम

(1023) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Siyahkar The Ba-safa Ho Gae Hum In Hindi By Famous Poet Hasrat Mohani. Siyahkar The Ba-safa Ho Gae Hum is written by Hasrat Mohani. Complete Poem Siyahkar The Ba-safa Ho Gae Hum in Hindi by Hasrat Mohani. Download free Siyahkar The Ba-safa Ho Gae Hum Poem for Youth in PDF. Siyahkar The Ba-safa Ho Gae Hum is a Poem on Inspiration for young students. Share Siyahkar The Ba-safa Ho Gae Hum with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.