Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_aicnfc6p84s117dv1lk3mnvhh1, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
क्या वो अब नादिम हैं अपने जौर की रूदाद से - हसरत मोहानी कविता - Darsaal

क्या वो अब नादिम हैं अपने जौर की रूदाद से

क्या वो अब नादिम हैं अपने जौर की रूदाद से

लाए हैं मेरठ जो आख़िर मुझ को फ़ैज़ाबाद से

सैर-ए-गुल को आई थी जिस दम सवारी आप की

फूल उट्ठा था चमन फ़ख़्र-ए-मुबारकबाद से

हर कस-ओ-ना-कस हो क्यूँकर कामगार-ए-बे-ख़ुदी

ये हुनर सीखा है दिल ने इक बड़े उस्ताद से

इक जहाँ मस्त-ए-मोहब्बत है कि हर सू बू-ए-उन्स

छाई है उन गेसुओं की निकहत-ए-बर्बाद से

अब तलक मौजूद है कुछ कुछ लगा लाए थे हम

वो जो इक लपका कभी न ख़ाक-ए-जहाँ आबाद से

दावा-ए-तक़्वा का 'हसरत' किस को आता है यक़ीं

आप और जाते रहें पीर-ए-मुग़ाँ की याद से

(783) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kya Wo Ab Nadim Hain Apne Jaur Ki Rudad Se In Hindi By Famous Poet Hasrat Mohani. Kya Wo Ab Nadim Hain Apne Jaur Ki Rudad Se is written by Hasrat Mohani. Complete Poem Kya Wo Ab Nadim Hain Apne Jaur Ki Rudad Se in Hindi by Hasrat Mohani. Download free Kya Wo Ab Nadim Hain Apne Jaur Ki Rudad Se Poem for Youth in PDF. Kya Wo Ab Nadim Hain Apne Jaur Ki Rudad Se is a Poem on Inspiration for young students. Share Kya Wo Ab Nadim Hain Apne Jaur Ki Rudad Se with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.