Sharab Poetry of Hasrat Azimabadi
नाम | हसरत अज़ीमाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasrat Azimabadi |
जन्म की तारीख | 1727 |
मौत की तिथि | 1795 |
जन्म स्थान | Patna |
साक़िया पैहम पिला दे मुझ को माला-माल जाम
सज्दा-गाह-ए-बरहमन और शैख़ हैं दैर-ओ-हरम
मय-कशी में रखते हैं हम मशरब-ए-दुर्द-ए-शराब
वफ़ा के हैं ख़्वान पर निवाले ज़े-आब अव्वल दोअम ब-आतिश
साक़ी हैं रोज़-ए-नौ-बहार यक दो सह चार पंज ओ शश
न ग़रज़ नंग से रखते हैं न कुछ नाम से काम
इश्क़ में गुल के जो नालाँ बुलबुल-ए-ग़मनाक है
हर तरफ़ है उस से मेरे दिल के लग जाने में धूम
है रश्क-ए-वस्ल से ग़म-ए-दिलदार ही भला
अब तुझ से फिरा ये दिल-ए-नाकाम हमारा
आता हूँ जब उस गली से सौ सौ ख़्वारी खींच कर
आए हैं हम जहाँ में ग़म ले कर