Love Poetry of Hasrat Azimabadi (page 2)
नाम | हसरत अज़ीमाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasrat Azimabadi |
जन्म की तारीख | 1727 |
मौत की तिथि | 1795 |
जन्म स्थान | Patna |
जिस का मयस्सर न था भर के नज़र देखना
जान कर कहता है हम से अपने जाने की ख़बर
इश्क़ में गुल के जो नालाँ बुलबुल-ए-ग़मनाक है
इन दोनों घर का ख़ाना-ख़ुदा कौन ग़ैर है
हुस्न को उस के ख़त का दाग़ लगा
हम इश्क़ सिवा कम हैं किसी नाम से वाक़िफ़
हम आप को तो इश्क़ में बर्बाद करेंगे
हर तरफ़ है उस से मेरे दिल के लग जाने में धूम
हर घड़ी मत रूठ उस से फेर पल में मिल न जा
है याद तुझ से मेरा वो शर्ह-ए-हाल देना
है रश्क-ए-वस्ल से ग़म-ए-दिलदार ही भला
गर इश्क़ से वाक़िफ़ मरे महबूब न होता
दिल ने पाया जो मिरे मुज़्दा तिरी पाती का
देखें तुझे न आवेंगे हम
दामन है मेरा दश्त का दामान दूसरा
चाहे सो हमें कर तू गुनहगार हैं तेरे
बे-वफ़ा गो मिले न तू मुझ को
अज़ीज़ो तुम न कुछ उस को कहो हुआ सो हुआ
अब तुझ से फिरा ये दिल-ए-नाकाम हमारा
आता हूँ जब उस गली से सौ सौ ख़्वारी खींच कर
आश्ना कब हो है ये ज़िक्र दिल-ए-शाद के साथ