Islamic Poetry of Hasrat Azimabadi
नाम | हसरत अज़ीमाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasrat Azimabadi |
जन्म की तारीख | 1727 |
मौत की तिथि | 1795 |
जन्म स्थान | Patna |
उस ज़ुल्फ़ से दिल हो कर आज़ाद बहुत रोया
साक़ी हैं रोज़-ए-नौ-बहार यक दो सह चार पंज ओ शश
फिरी सी देखता हूँ इस चमन की कुछ हवा बुलबुल
जिस का मयस्सर न था भर के नज़र देखना
इश्क़ में गुल के जो नालाँ बुलबुल-ए-ग़मनाक है
इन दोनों घर का ख़ाना-ख़ुदा कौन ग़ैर है
है रश्क-ए-वस्ल से ग़म-ए-दिलदार ही भला
बे-वफ़ा गो मिले न तू मुझ को