Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_df2d190605ad7c4b1d742ff9f5cb5d2d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
न छुटा हाथ से यक लहज़ा गरेबाँ मेरा - हसरत अज़ीमाबादी कविता - Darsaal

न छुटा हाथ से यक लहज़ा गरेबाँ मेरा

न छुटा हाथ से यक लहज़ा गरेबाँ मेरा

चश्म-ए-तर ही पे रहा गोशा-ए-दामाँ मेरा

जिस तरफ़ गुज़रे करे रू-ए-ज़मीं को गुलज़ार

सैर-ए-गुलशन से फिरे जब गुल-ए-ख़ंदाँ मेरा

खेलें आपस में परी-चेहरा जहाँ ज़ुल्फ़ें खोल

कौन पूछे है वहाँ हाल-ए-परेशाँ मेरा

बख़्त हैं शोर ये अपने ही कि वो नाैशीं लब

औरों का चश्मा-ए-हैवाँ है नमक-दाँ मेरा

औरों की आँखों को देखूँ हूँ मैं दीदार-नसीब

बना रोने को यही दीदा-ए-गिर्यां मेरा

दूर उस लब से जो गुज़रे है दिल-ए-पुर-ख़ूँ पर

जाने मेरा ही जिगर और ये दंदाँ मेरा

बे-अजल मरता रहा इश्क़ में उस के उम्र भर

कहूँ किस मुँह पे मैं 'हसरत' वो है जानाँ मेरा

(687) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Na ChhuTa Hath Se Yak Lahza Gareban Mera In Hindi By Famous Poet Hasrat Azimabadi. Na ChhuTa Hath Se Yak Lahza Gareban Mera is written by Hasrat Azimabadi. Complete Poem Na ChhuTa Hath Se Yak Lahza Gareban Mera in Hindi by Hasrat Azimabadi. Download free Na ChhuTa Hath Se Yak Lahza Gareban Mera Poem for Youth in PDF. Na ChhuTa Hath Se Yak Lahza Gareban Mera is a Poem on Inspiration for young students. Share Na ChhuTa Hath Se Yak Lahza Gareban Mera with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.