Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_2f5ecdb84d14e98e8fad44a1c5115f4a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दिल ने पाया जो मिरे मुज़्दा तिरी पाती का - हसरत अज़ीमाबादी कविता - Darsaal

दिल ने पाया जो मिरे मुज़्दा तिरी पाती का

दिल ने पाया जो मिरे मुज़्दा तिरी पाती का

मुँह फिरा सू-ए-बदन जान-ए-ब-लब आती का

यूँ तो ऐ यार-ए-दिल-अफ़रोज़ तू सब का है वले

दाग़ जाँ-सोज़ निराया है मिरी छाती का

दिल दम-ए-आह-ए-सहर-ख़ेज़ चला जाता है

मुतरिबा चुप है तू क्यूँ वक़्त है प्रभाती का

दिल-ए-अफ़सुर्दा को है सोज़-ए-दरूँ से क्या रब्त

काम क्या ख़ाना-ए-वीराँ में दिए-बाती का

इस जहाँ में सिफ़त-ए-इश्क़ से मौसूफ़ हैं हम

न करो ऐब हमारे हुनर-ए-ज़ाती का

यार सुन सुन के सब अहवाल-ए-ख़राब-ए-'हसरत'

बोला क्या काम है याँ ऐसे ख़राबाती का

(750) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil Ne Paya Jo Mere Muzhda Teri Pati Ka In Hindi By Famous Poet Hasrat Azimabadi. Dil Ne Paya Jo Mere Muzhda Teri Pati Ka is written by Hasrat Azimabadi. Complete Poem Dil Ne Paya Jo Mere Muzhda Teri Pati Ka in Hindi by Hasrat Azimabadi. Download free Dil Ne Paya Jo Mere Muzhda Teri Pati Ka Poem for Youth in PDF. Dil Ne Paya Jo Mere Muzhda Teri Pati Ka is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil Ne Paya Jo Mere Muzhda Teri Pati Ka with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.