Friendship Poetry of Hasrat Azimabadi
नाम | हसरत अज़ीमाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Hasrat Azimabadi |
जन्म की तारीख | 1727 |
मौत की तिथि | 1795 |
जन्म स्थान | Patna |
भर के नज़र यार न देखा कभी
यार इब्तिदा-ए-इश्क़ से बे-ज़ार ही रहा
या इलाही मिरा दिलदार सलामत बाशद
साक़ी हैं रोज़-ए-नौ-बहार यक दो सह चार पंज ओ शश
राह-रस्ते में तू यूँ रहता है आ कर हम से मिल
मेरी उस प्यारी झब से आँख लगी
कम-तर या बेशतर गए हम
जो हमें चाहे उस के चाकिर हैं
जिस का मयस्सर न था भर के नज़र देखना
इश्क़ में गुल के जो नालाँ बुलबुल-ए-ग़मनाक है
इन दोनों घर का ख़ाना-ख़ुदा कौन ग़ैर है
है रश्क-ए-वस्ल से ग़म-ए-दिलदार ही भला
गर इश्क़ से वाक़िफ़ मरे महबूब न होता
दिल ने पाया जो मिरे मुज़्दा तिरी पाती का
बे-वफ़ा गो मिले न तू मुझ को
आश्ना कब हो है ये ज़िक्र दिल-ए-शाद के साथ