हसनैन आक़िब कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हसनैन आक़िब
नाम | हसनैन आक़िब |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Hasnain Aaqib |
जन्म स्थान | Maharashtra, India |
लफ़्ज़ों के हेर-फेर से बनती नहीं ग़ज़ल
ख़ुद को कभी मैं पा न सका
कटती है शब विसाल की पलकें झपकते ही
जी चाहता है तर्क-ए-मोहब्बत को बार बार
ग़म उठाता हूँ ग़ज़ल कहता हूँ जीता रहता हूँ
गरचे हल्का सा धुँदलका है तसव्वुर भी तिरा
बहुत उदास हैं दीवारें ऊँचे महलों की
और थोड़ा सा बिखर जाऊँ यही ठानी है
तुम्हारे साथ ये झूटे फ़क़ीर रहते हैं
किस के दिल में बसता हूँ
खोए हुए पलों की कोई बात भी तो हो
ख़ाना-ए-दिल कि मोअत्तर भी बहुत लगता है
हार कर बाज़ी फिर इक तदबीर हो जाऊँगा मैं
दानाइयाँ अटक गईं लफ़्ज़ों के जाल में
और थोड़ा सा बिखर जाऊँ यही ठानी है